अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतरे जिला परिवहन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, वित्तीय वर्ष में लक्ष्य पूर्ति के बाद भी सरकार द्वारा किया जा रहा उपेक्षित, एक भी मांग नहीं की गई पूरी - Sachcha Dost
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतरे जिला परिवहन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, वित्तीय वर्ष में लक्ष्य पूर्ति के बाद भी सरकार द्वारा किया जा रहा उपेक्षित, एक भी मांग नहीं की गई पूरी
झाबुआ। जिला परिवहन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा 7 अप्रेल, बुधवार से अनिचितकालीन हड़ताल आरंभ कर दी गई है। अधिकारी-कर्मचारियों का कहना है कि उनके द्वारा वित्तीय वर्षों में लक्ष्य की पूर्ति करने और लगातार अपनी जायज मांगों को लेकर प्रयास करने के बाद भी एक भी मांग शासन स्तर पर नहीं माने जाने से यह कदम उठाया गया है।
परिवहन आयुक्त एवं शासन स्तर पर परिवहन विभाग मप्र के अधिकारी-कर्मचारियों के संयुक्त संगठनों द्वारा लगातार अपनी जायज मांगों को लेकर ज्ञापन देने के बाद भी सरकार की ओर से आवासन ही मिला, एक भी जायज मांग पूरी नहीं की गई। समस्त परिवहन अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा कोविड-19 में भी वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में विषम परिस्थतियों में वित्तीय वर्ष की लक्ष्य पूर्ति की गई है। शासन के आदे एवं परिवहन विभाग के अधिनियम तथा नियमों को दरकिनार करते हुए विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों पर निरंतर आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए। परिवहन अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले कार्य अर्द्ध न्यायिक प्रवृत्ति के होते है। न्यायाधी संरक्षण अधिनियम 1985 के तहत सरंक्षण प्रदान करने की भी मांग की गई थी। उस पर भी कोई विचार नहीं किया गया। वर्तमान में जिला परिवहन अधिकारी टीकमगढ़, रायसेन एवं सेवानिवृत्त उप-परिवहन आयुक्त के खिलाफ अधिनियमों एवं शासन के आदेां का अवहेलना करते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई है। जिसका संगठन पूरजोर विरोध करता है।
स्टॉफ की है कमी
बताया गया कि परिवहन कार्यालय में कार्यालयीन स्टॉफ की कमी है। जिसके कारण कार्य की अधिकता के चलते अधिकारी-कर्मचारियों पर काफी मानसिक दबाव रहता है। प्रवृतन अमला मुख्यालय में अटैच किया जाता है, जबकि वहां पर किसी प्रकार की कोई पद संख्या नहीं है। विष जांच दलों में एक-दो आरक्षक एवं अधिकारी पदस्थ रहता है। जब भी कोई यात्री वाहन दुर्घटनाग्र्रस्त होता है, जो बिना जांच के जिला परिहवन अधिकारी को निलंबित कर दिया जाता है। परिवहन विभाग में आरक्षक से लेकर संभागीय परिवहन उपायुक्त तक के पदों में अन्य विभागों की तुलना में काफी विसंगतियां है।
वेतनमान है कम
इसके अलावा कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों की परिवहन उप-निरीक्षक की भर्ती परीक्षा आयोजित नहीं की गई है। जिसके कारण पदोन्नत होकर उप-निरीक्षक नहीं बन पाए। परिवहन विभाग के अधिकारियों का वेतनमान राजस्व, पुलिस विभाग एवं अन्य विभागों की तुलना में काफी कम है, आदि मांगों को लेकर मांगे नहीं मानने तक परिवन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा अनिचितकालीन हड़ताल जारी रखने की चेतावनी दी गई है।
फोटो 003 -ः अनिचितकालीन हड़ताल के चलते जिला परिवहन कार्यालय झाबुआ पर लगा रहा ताला।